फोटो- सोशल मीडिया
नई दिल्ली: ज्ञानवापी मस्जिद श्रृंगार गौरी में आज यानी शनिवार को पहले दिन का सर्वे पूरा कर लिया गया है। इस सर्वे में परिसर के तहखाने की फोटोग्राफी और दीवारों के भीतर की बनावट के साथ पुरातन शैली को भी टीम ने खूब जांचा, परखा और सबूत इक्कठा किए। सेशन कोर्ट ने इस मामले में 17 मई तक सर्वे को पूरा करने का आदेश दिया है। इस बीच एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
ओवैसी ने एक निजी चैनल से बातचीत में कहा कि, "हम एक मस्जिद पहले ही खो चुके हैं दूसरा नहीं खोना चाहते। कोर्ट का फैसला बिल्कुल गलत है। मस्जिद कमेटी को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए और सर्वे को रोकना चाहिए।"
एआईएमआईएम प्रमुख ने आगे कहा कि कोर्ट का फैसला 91 एक्ट का उल्लंघन है। अगर 91 एक्ट ही खत्म कर दी जाए तो ये बात अलग है, लेकिन संसद के इस एक्ट को माना जाना चाहिए। बीजेपी इस मामले को तवज्जों देकर सियासी रोटियां सेंक रही है। ओवैसी ने बताया कि देश के सभी मदरसों में 15 अगस्त और 26 जनवरी को देशभक्ति की बात करते हैं और आप उन्हें शक की निगाहों से देखते हैं। इसलिए आप ऐसे कानून बना रहे हैं।
बता दें कि दो दिनों पहले यानी गुरुवार को वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए दोबारा सर्वे का आदेश दिया। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष के सभी मांगो को खारिज करते हुए कोर्ट कमिश्नर को बरकरार रखा, साथ ही दो सहयोगी कमिश्नर को भी नियुक्त किया। इसके अलावा कोर्ट ने आदेश दिया कि ज्ञानवापी मामले में सर्वेक्षण को 17 मई तक पूरा किया जाए और इसमें जो भी लोग व्यवधान डालेंगे उनपर कार्रवाई की जाए।
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