कपिल देव
नई दिल्ली : भारतीय किक्रेट टीम के पुर्व अलराउंडर कप्तान कपिल देव आज अपना 63वां जन्मदिन मना रहें हैं। अपनी धाकड़ बल्लेबाजी और घातक गेंदबाजी के चलते उन्होंने भारत को 1983 वर्ल्ड कप में जीत दिलाई थी। कपिल देव का जन्म 6 जनवरी 1959 को चंडीगढ़ में हुआ था। उनके पिता, राम लाल निखंज पाकिस्तान के दीपालपुर से थे और उनकी मां राज कुमारी का जन्म भी पाकिस्तान में हुआ था। बंटवारे के समय वे लोग भारत आ गए थे। यहीं पर कपिल देव का जन्म हुआ था।
1983 में भारत को जिताया वर्ल्ड कप
कपिल देव ने साल 1983 में भारत को पहली बार अपनी कप्तानी में वर्ल्ड कप का खिताब दिलाया था। तब भारत में क्रिकेट बहुत ज्यादा प्रचलित भी नहीं था। लेकिन जब लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर कपिल ने भारत का परचम लहराया तब से यह खेल हर देशवासी की रगों में बह रहा है।
356 international matches ?
9,031 international runs ?
687 international wickets ☝️
Here's wishing @therealkapildev - #TeamIndia's 1983 World Cup-winning captain & one of the best all-rounders to have ever played the game - a very happy birthday. ? ? pic.twitter.com/Po4wYtvByl
— BCCI (@BCCI) January 6, 2022
कपिल देव पर बनी है 83 मूवी
हाल ही में कपिल देव और उनकी टीम की 1983 वर्ल्ड कप जीत पर एक फिल्म ’83’ भी रिलीज हुई है। यह फिल्म भारतीय क्रिकेट को सुपरहिट बनाने की कहानी बातती है। इस फिल्म में रणबीर सिंह कपिल देव का रोल निभाया है। कपिल देव भारत के सबसे सफलम कप्तानों में से एक है।
175 रनों की खेली थी शानदार पारी
1983 वर्ल्ड कप में भारत को तब कोई जीत का दावेदार नहीं मान रहा था। लेकिन कपिल देव ने अपने हौसले से सबको गलत साबित कर दिया था। उन्होंने 1983 वर्ल्ड कप में खेले 8 मैचों में 303 रन बनाए, 12 विकेट लिए और 7 कैच भी पकड़े थे। जिम्बाब्वे के खिलाफ खेली गई 175 रनों की उनकी पारी आज भी रिकॉर्ड बुक में दर्ज है। दुनिया के कई दिग्गज खिलाड़ी इसे आज भी वर्ल्ड कप की महान पारी में सबसे ऊपर गिनते हैं। हालांकि बीबीसी की हड़ताल के चलते इस मैच की कोई रिकॉर्डिंग उपलब्ध नहीं है।
140 किलोमीटर के रफ्तार से फेंकते थे गेंद
भारतीय क्रिकेट में पहले तेज गेंदबाजों के लिए कोई खास जगह नहीं थी। तब भारत के बारे में यही माना जाता था कि इस देश में तेज गेंदबाजों की जगह नहीं है। लेकिन कपिल ने इस भ्रम को तोड़ दिया था। वह अपने दौर में करीब 140 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंद फेंका करते थे। उन्होंने 16 साल के करियर में 131 टेस्ट मैच खेले लेकिन कभी भी चोट या फिटनेस में आई कमी की वजह से उन्होंने कोई मैच मिस नहीं किया। टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट (434) लेने का रिकॉर्ड 8 सालों तक कपिल देव के नाम रहा है। साल 2000 में वेस्टइंडीज के कॉर्टनी वॉल्श ने इस रिकॉर्ड को तोड़ दिया था।
फिटनेस का रखते है ख्याल
कपिल देव शुरुआत से ही अपनी फिटनेस की अहमियत को बखूबी समझते थे। जब भारत में इसे कोई खास महत्व ही दिया जाता था। इतना ही नहीं अपने टेस्ट करियर की 184 पारियों में वो कभी रन आउट नहीं हुए। यानी कि उनकी फिजिकल फिटनेस हमेशा अच्छी रही है। अपनी फिटनेस के बारे में बात करते हुए एक इंटव्यू के दौरान कपिल देव ने कहा था कि, 'मैं रेड मीट नहीं खा रहा हूं और हर दूसरे दिन गोल्फ कोर्स जाता हूं, ताकि फिट बना रहूं।'
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