अशोक गहलोत
जयपुरः अगर राजा के साथ उनके वजीर भी मंच पर हों और आप (इस उम्मीद में कि सब कुछ बढ़िया चल रहा है) ये बड़े जोश में ये पूछ बैठे कि राज्य में तो सबकुछ कुशल मंगल है और सामने से ही आवाज आ जाए कि नहीं कुछ भी ठीक नहीं है फिर ऐसे में तो राजा को शर्मिंदा ही होना पड़ता है। कुछ ऐसा नजारा दिखा राजस्थान के एक मंच पर दिखाई दिया जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने कई मंत्रियों के साथ मंच पर मौजूद थे यहां उनके साथ शिक्षामंत्री भी मौजूद थे। मंच से राजस्थान सीएम अशोक गहलोत ने भरे मंच पर शिक्षकों से पूछा कि क्या आपको ट्रांसफर के लिए पैसे देने पड़ते हैं? तभी शिक्षकों की एक साथ एक सुर में आवाज आई हां देने पड़ते हैं।
इस जवाब को सुनते ही सीएम अशोक गहलोत भौचक्का रह गए उन्हें काटो तो खून नहीं वाली स्थिति का सामना करना पड़ा। अशोक गहलोत शिक्षकों के जवाब के बाद बुरी तरह से झेंप गए। सीएम अशोक गहलोत को कभी इस बात की उम्मीद भी नहीं रही होगी कि भरे मंच पर उन्हें इस तरह से शर्मिंदा होने पड़ेगा। दरअसल में मंगलवार को जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजित किया गया था। इस समारोह में सीएम अशोक गहलोत भी पहुंचे थे।
#WATCH | At a felicitation program for teachers, in Jaipur, Rajasthan CM Ashok Gehlot asks them if they need to pay money for a transfer. The teachers respond with "Yes". The CM says, "It's very unfortunate that teachers need to pay money for transfer. A policy should be made..." pic.twitter.com/YWAl9QTkSH
— ANI (@ANI) November 16, 2021
जब सीएम अशोक गहलोत ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए पूछा, क्या आपको ट्रांसफर के लिए पैसे देने पड़ते हैं क्या? मुख्यमंत्री का इतना कहना भर था कि सभी शिक्षक एक स्वर में बोले - हां पैसे देने पड़ते हैं। भरे मंच पर सबके सामने ये सुनते ही अशोक गहलोत के चेहरे की रौनक गायब हो गई। थोड़ी देर सन्नाटा छाया रहा और फिर सीएम गहलोत की माइक पर दबी हुई आवाज सुनाई पड़ती है, ‘कमाल है...
जब सत्ता पक्ष के सीएम की भरी महफिल में ये दुर्गति हो जाए तो ऐसे में विपक्ष भला शांत कैसे बैठ सकता है। अशोक गहलोत के इस वीडियो के वायरल होने के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा, अशोक गहलोत जी नए-नए प्रयोग करते रहते हैं, इसी क्रम में आज शिक्षामंत्री की मौजूदगी में उन्होंने अध्यापकों से पूछा कि ट्रांसफर के लिए अध्यापकों को पैसे देने पड़ते हैं या नहीं। तो सामने से आवाज आई देने पड़ते हैं। उन्होंने राजस्थान की गहलोत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, राजस्थान सरकार में भ्रष्टाचार अब शिष्टाचार बन चुका है। प्रशासन गांव और शहरों के साथ नहीं रिश्तेदारों के साथ है। उन्होंने आगे कहा जब शिक्षामंत्री और मुख्यमंत्री की मौजूदगी में शिक्षकों ने ये बात कही कि उन्हें ट्रांसफर के लिए पैसे देने पड़ते हैं। मुझे लगता है कि ये राजस्थान सरकार की बानगी है क्योंकि अब ये सरकार अकंठ भ्रष्टाचार में डूबी है।
हालांकि कार्यक्रम खत्म होने के बाद सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए राजस्थान के पुरस्कृत शिक्षकों को बधाई दी। उन्होंने पुरस्कृत शिक्षकों को बधाई देते हुए टि्वीटर पर लिखा, शिक्षक समाज के निर्माता हैं, उनका आह्वान है कि वे बच्चों में बचपन से ही संस्कार डालें। शिक्षा के साथ संस्कार का बेहद महत्व है, बच्चों को अपनी संस्कृति एवं संस्कारों से कभी दूर नही होने दें। साथ ही सीएम गहलोत ने यह भी कहा कि कोविड-19 के कठिन समय में शिक्षकों का योगदान सराहनीय है।
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