योगी ने कहा, भाजपा ने देश से तुष्टिकरण की राजनीति का अंत किया.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में भाजपा के OBC मोर्चा की कार्यसमिति की बैठक को संबोधित किया। योगी ने अपने भाषण में कहा कि भाजपा ने आजादी के बाद से देश में चल रही तुष्टिकरण की राजनीति को खत्म करने का काम किया है। जो लोग सामाजिक न्याय के नाम पर विषवमन करके जातीय और आपसी वैमनस्यता की खाई को गहरा करने का काम करते थे, वे सभी आज बेनकाब हो गए हैं। क्योंकि उन्होंने योजनाओं का लाभ अति गरीबों,वंचितों, पिछड़ों और दलितों को नहीं दिया बल्कि उनके हकों पर डकैती डाली है।
CM योगी ने आरोप लगाया कि जब ऐसे लोगों को सत्ता मिली तो केवल अपने परिवार के लिए, खानदान के लिए काम किया। ऐसे लोगों से जनता का मोहभंग हो गया। उनको जनता ने उखाड़ कर फेंक दिया। जबकि जनता के आशीर्वाद से भाजपा का जनाधार बढ़ता गया।
CM योगी ने कहा कि किसी समाज को अगर पददलित करना हो तो उस समाज को बांट दो। उसके महापुरुषों को जातियों में बांट कर, उनको गौरव और गरिमा से वंचित कर दो। योगी ने राणा प्रताप, शिवाजी, रानी दुर्गावती, रानी लक्ष्मीबाई, ऊदा बाई, झलकारी बाई जैसी महान विभूनियों का नाम लेकर कहा कि ये लोग देश और धर्म के हित के लिए लड़े। इसके बावजूद वामपंथी इतिहासकारों ने उनको जातियों में बांटने का प्रयास किया। इन महापुरुषों की गरिमा घटाने का काम किया गया। समाज को उनसे प्रेरणा लेने से वंचित करने की साजिश की गई। जबकि विदेशी हमलावरों को इज्जत देने के लिए नाना प्रकार के विशेषण गढ़े गए।
पिछड़ा वर्ग मोर्चा, @BJP4UP की कार्यसमिति की बैठक में... https://t.co/s6MgIJLtbh
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 19, 2021
योगी ने कहा कि 11वीं सदी में रहे महाराज सुहेलदेव को भुला दिया गया। उनके बिना हमारी संस्कृति नहीं बच सकती थी। राजा सुहलदेव के कारण अगले 150 साल तक कोई हमलावर भारत में घुस नहीं पाया। अगर राजा सुहलदेव को उसी समय बड़े महापुरुष का दर्जा दिया गया होता, तो आगे कोई विदेशी हमलावर भारत में घुस नहीं पाता।
योगी ने कहा कि OBC मोर्चा की जातियां केवल जातियां नहीं हैं। ये हिंदू समाज केअग्रिम मोर्चे के लड़ाके हैं। योगी ने कहा कि भाजपा सरकार श्रृंगवेरपुर में निषादराज का भव्य स्मारक बनवा रही है। हजारों साल की विरासत को क्यों लोगों ने भुला दिया? योगी ने कहा कि अयोध्या तो कोई आना ही नहीं चाहता था। उनको लगता था कि अयोध्या जाने से उन पर सांप्रदायिक होने का ठप्पा लग जाएगा।
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