सांकेतिक तस्वीर
नई दिल्लीः ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव ने खालिद सैफुल्ला रहमानी ने आजादी का अमृत महोत्सव के चल रहे कार्यक्रम में प्रस्तावित 'सूर्य नमस्कार' का विरोध किया है और मुस्लिम छात्रों से इसमें हिस्सा नहीं लेने को कहा है। रहमानी ने एक बयान जारी कर कहा की सचिव स्कूल शिक्षा ने एक परिपत्र में स्वतंत्रता के जश्न के रूप में 30,000 स्कूलों में सूर्य नमस्कार आयोजित करने का निर्देश दिया है, जो संविधान में दिए गए अधिकारों के विपरीत है।"
खालिद सैफुल्ला रहमानी ने कहा कि "सरकार ने स्कूलों को 1 जनवरी से इसका संचालन करने का निर्देश दिया है और 26 जनवरी की थीम पर एक संगीत कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया, "सूर्य नमस्कार असंवैधानिक है और झूठी देशभक्ति है क्योंकि देश में अल्पसंख्यक मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं करते हैं। रहमानी ने फोन पर बात करते हुए कहा, "ईसाई समेत अल्पसंख्यक मूर्ति पूजा का पालन नहीं करते हैं और ना ही सूर्य को भगवान मानते हैं।"
रहमानी ने कहा, "मुस्लिम बच्चों को अनुमति नहीं है और उन्हें कार्यक्रम में भाग लेने से बचना चाहिए। शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार का पत्र क्रमांक एफ नंबर 12-5/2020-आईएस-4 दिनांक 16 दिसंबर, 2021 ने सूचित किया है कि "आजादी का अमृत महोत्सव के बैनर तले राष्ट्रीय योगासन खेल महासंघ ने 01 जनवरी 2022 से 07 फरवरी 2022 तक 750 मिलियन सूर्य नमस्कार की एक परियोजना चलाने का निर्णय लिया है। 26 जनवरी 2022 को सूर्य नमस्कार पर संगीतमय प्रदर्शन की भी योजना है। कई राज्यों में एक जनवरी को कार्यक्रम का नेतृत्व सरकारी पदाधिकारियों ने किया।
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