सिद्धू को मुख्यमंत्री बनने से रोकने के लिए हर कुर्बानी को तैयार हैं कैप्टन.
नई दिल्ली: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू को राज्य का मुख्यमंत्री बनने से रोकने के लिए वे कोई भी कोशिश करने से नहीं चूकेंगे। अमरिंदर सिंह ने कहा कि देश को ऐसे खतरनाक आदमी से बचाने के लिए वे कोई भी कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटेंगे। कैप्टन ने कहा कि वे सिद्धू के खिलाफ मजबूत प्रतिद्वंद्वी मैदान में उतारेंगे और उनको रोकने के लिए हरसंभव कोशिश करेंगे।
कैप्टन ने कहा कि वे केवल तभी राजनीति को अलविदा कहेंगे, जब वे सफलता की ऊंचाइयों पर होंगे। कैप्टन ने कहा, " मैं जीत के बाद छोड़ने को तैयार हूं लेकिन हार के बाद कभी नहीं।" पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने दावा किया कि अपना इस्तीफा उन्होंने तीन हफ्ते पहले ही सोनिया गांधी को भेज दिया था। लेकिन उन्होंने पद पर बने रहने को कहा था। कैप्टन ने कहा कि अगर वे केवल मुझे बुलाकर इस्तीफा देने को कहतीं तो मैं पद छोड़ देता। मैं एक सैनिक रहा हूं और अपना फर्ज निभाना जानता हूं।
An unrelenting Captain Amarinder Singh on Wednesday declared that he would fight Navjot Singh Sidhu’s elevation to Punjab chief ministership tooth & nail & was ready to make any sacrifice to save the country from such a dangerous man: Office of Captain Amarinder Singh
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— ANI (@ANI) September 22, 2021
कैप्टन ने कहा कि "विधायकों को हवाई जहाज में भरकर गोवा या किसी और जगह पर ले जाने वालों में से मैं नहीं हूं। मैं इस तरह काम नहीं करता। मैं चालबाजियां नहीं करता और गांधी परिवार जानता है कि वो मेरा तरीका नहीं है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि राहुल और प्रियंका मेरे बच्चों जैसे हैं और उनको इस तरह इसे खत्म नहीं करने देना चाहिए। मैं इससे आहत हूं।"
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अमरिंदर सिंह के इस बयान से कांग्रेस के सामने नया संकट पैदा हो गया है। कांग्रेस को लगता है कि विधानसभा के चुनाव में कैप्टन उसके विरोध में काम कर सकते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि कैप्टन अपनी पार्टी बना सकते हैं और कांग्रेस की मुश्किलों को और बढ़ा सकते हैं। कैप्टन ने साफ कहा कि उनके राजनीतिक विकल्प खुले हैं और वे अपने दोस्तों से बात करके ही कोई फैसला लेंगे। कैप्टन ने कहा कि उनकी योजना विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस का नेतृत्व करने के बाद पद को छोड़ने की थी। ऐसा हो नहीं पाया है, इसलिए अब वे संघर्ष करने के लिए तैयार हैं।
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