Delhi-NCR में हर तरफ लगा बड़ा ट्रैफिक जाम.
नई दिल्ली: किसान संगठनों ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर अपने लंबे विरोध आंदोलन के हिस्से के रूप में आज "भारत बंद" की अपील की है। किसानों के भारत बंद के कारण Delhi-NCR में हर तरफ लगा बड़ा जाम लग गया है। दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर और DND (दिल्ली-नोएडा-दिल्ली) हाइवे पर गाड़ियों की लंबी कतारें लगी हुईं हैं। कई जगहों पर ट्रैफिक को सही करने के लिए रास्तों में बदलाव भी किया गया है।
40 से अधिक किसान यूनियनों का एक संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) आज सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक भारत बंद की अगुवाई कर रहा है। हालांकि एसकेएम ने कहा है कि वे राष्ट्रीय राजमार्गों के कुछ हिस्सों पर आवाजाही की अनुमति नहीं देंगे। आज सुबह दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे को गाजीपुर धरना स्थल के पास जाम कर दिया गया। जिससे उत्तर प्रदेश से आने वाला ट्रैफिक प्रभावित हुआ।
एसकेएम ने कहा कि देश भर में सरकारी और निजी कार्यालय, शैक्षणिक और अन्य संस्थान, दुकानें, उद्योग और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को बंद रखने की अपील की गई है। एसकेएम ने ये भी कहा है कि आपातकालीन सेवाएं बंद से प्रभावित नहीं होंगी।
Massive traffic snarl seen at Gurugram-Delhi border as vehicles entering the national capital are being checked by Delhi Police and paramilitary jawans, in wake of Bharat Bandh called by farmer organisations today. pic.twitter.com/dclgkqp3X1
— ANI (@ANI) September 27, 2021
पंजाब में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी कार्यकर्ताओं से किसानों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने को कहा है। सिद्धू ने ट्वीट करके कहा, “पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी 27 सितंबर, 2021 को भारत बंद के लिए किसान यूनियनों की अपील के साथ मजबूती से खड़ी है। सही और गलत की लड़ाई में आप तटस्थ नहीं रह सकते।”
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किसान संगठनों का कहना है कि केंद्र सरकार के इन कानूनों से प्राइवेट कंपनियों को कृषि क्षेत्र पर कब्जा करने की ताकत मिल जाएगी। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा था कि किसान 10 साल तक विरोध करने को तैयार हैं, लेकिन 'काले' कानूनों को लागू नहीं होने देंगे। टिकैत ने पानीपत में एक किसान सभा में कहा, "इस आंदोलन को 10 महीने हो गए हैं। सरकार अपने कान खोलकर सुन ले कि अगर हमें 10 साल तक आंदोलन करना पड़े तो भी हम तैयार हैं।"
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