नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच जंग (Russia Ukraine war) जारी है। इस बीच ऐसी खबर सामने आ रही हैं कि काला सागर में रूस के नौसैनिक अड्डे की सुरक्षा डॉल्फ़िन (Dolphin) कर रही हैं। यूएस नेवल इंस्टिट्यूट ((United States Naval Institute) ने सैटेलाइट तस्वीरों के आधार पर यह दावा किया है कि रूस ने अंडर वॉटर अटैक से बचाने के लिए सैन्य-प्रशिक्षित डॉल्फिन (Military-Trained Dolphins) को तैनात किया है।
इन डॉल्फिन को रूस ने खास ट्रेनिंग दी है, जो खतरा महसूस होने पर हमला भी कर सकती हैं। USNI ने कहा है कि रूसी नौसेना ने सेवस्तोपोल (Sevastopol) बंदरगाह के एंट्री गेट पर दो डॉल्फिन तैनात की गई हैं।
***BREAKING***
Evidence #Russian Navy trained dolphins deployed to entrance of Sevastopol Harbor during #Ukraine war. You heard it here first.
First found in low-resolution Sentinel 2 imagery
Thx for help from @COUPSURE and unnamed othershttps://t.co/Fhtek0CVaA
— H I Sutton (@CovertShores) April 27, 2022
आखिर डॉल्फिन कैसे करती है सुरक्षा-
बता दें कि डॉल्फिन बहुत ही ज्यादा स्मार्ट मैमल होते हैं। इनकी याददाशत बाकी मैमल के मुकाबले काफी लंबी होती है। ये इंसानों के मुकाबले 10 गुना ज्यादा सुन सकते है, ऐसे में डॉल्फिन हाई पिच सीटी की आवाज के जरिए कम्यूनिकेट कर सकती हैं।
डॉल्फिन ऑब्जेक्ट्स को काफी दूस से ही सेंस कर लेती हैं और इकोलोकेशन के माध्यम से दूरी का भी पता लगा लेती हैं। बता दें कि इकोलोकेशन में हाई फ्रीक्वेंसी क्लिक भेजे जाते हैं जो ऑब्जेक्ट्स को वापस उछाल देते हैं।
प्रशिक्षित (Trained) की गई डॉल्फिन प्राकृतिक सोनार (sonar) के इस्तेमाल से मेवल माइंस या दुश्मन गोताखोरों का आसानी से पता लगा लेती है और उनका ध्यान आकर्षित करने में मदद करती हैं।
डॉल्फिन को पानी के अंदर माइन्स और दुश्मन तैराकों को ढूंढने में मदद करती हैं। रूस के अलावा अमेरिका, यूक्रेन जैसे देशों ने भी डॉल्फिन्स को वॉटर अटैक से बचने के लिए तैनात किया है।
Leave Comments