दिल्ली में ओवैसी के सरकारी आवास पर प्रदर्शन, तोड़फोड़ का आरोप
नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के नई दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर कुछ लोगों ने प्रदर्शन करके तोड़फोड़ किया। बताया जा रहा है कि ओवैसी के आवास पर प्रदर्शन करने वाले लोग हिंदू सेना के कार्यकर्ता थे। प्रदर्शन के समय ओवैसी घर पर नहीं थे। ओवैसी ने बताया कि घटना के समय वे शिवपाल यादव से मिलने गए थे।
बाद में ओवैसी ने एक ट्विट करके कहा कि “आज कुछ उग्रवादी गुंडों ने मेरे दिल्ली के मकान पर तोड़-फोड़ की। इनकी बुज़दिली के चर्चे तो वैसे ही आम हैं। हमेशा की तरह, इनकी वीरता सिर्फ़ झुंड में ही दिखाई देती है। वक्त भी ऐसा चुना जब मैं घर पर नहीं था। गुंडों के हाथों में कुल्हाड़ियाँ और लकड़ियां थीं, घर पर पत्थरबाज़ी की गयी। मेरा नेम प्लेट तोड़ा गया और 40-साल से हमारे साथ काम करने वाले राजू के साथ मार-पीट भी की गयी।”
आज कुछ उग्रवादी गुंडों ने मेरे दिल्ली के मकान पर तोड़-फोड़ की।इनकी बुज़दिली के चर्चे तो वैसे ही आम हैं।हमेशा की तरह, इनकी वीरता सिर्फ़ झुंड में ही दिखाई देती है।वक्त भी ऐसा चुना जब मैं घर पर नहीं था। गुंडों के हाथों में कुल्हाड़ियाँ और लकड़ियाँ थीं, घर पर पत्थर बाज़ी की गयी। 1/n pic.twitter.com/bwIAdnt43S
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 21, 2021
ओवैसी ने कहा कि साम्प्रदायिक नारे लगाए गए और मुझे क़त्ल करने की धमकी भी दी गयी। राजू के घर में रहने वाले छोटे से बच्चे घबराए हुए हैं। झुंड में कम से कम 13 लोग थे। 6 दिल्ली पुलिस की हिरासत में हैं। उम्मीद है के पुलिस कर्रवाई करेगी।
ओवैसी ने आगे कहा कि “मेरे घर को ये तीसरी बार निशाना बनाया गया है। पिछली बार जब ऐसा हुआ था तब न सिर्फ़ राजनाथ सिंह गृह मंत्री थे बल्कि मेरे पड़ोसी भी थे। मेरे घर के बग़ल में ही निर्वाचन सदन है, और ठीक सामने पार्लियामेंट स्ट्रीट थाना भी है। प्रधानमंत्री का आवास भी मेरे घर से महज़ 8 मिनट की दूरी पर है। मैंने बार-बार पुलिस को बताया था कि मेरे मकान को निशाना बनाया जा रहा है। अगर एक सांसद का घर महफ़ूज़ नहीं तो बाक़ी शहरियों को अमित शाह क्या सन्देश देना चाहते हैं?”
ओवैसी ने अपने ट्विट में कहा कि दुनिया को कट्टरता से लड़ने का पाठ पढ़ाने वाले देश के पीएम बताएं कि मेरे घर को निशाना बनाने वालों को किसने कट्टरपंथी बनाया? अगर इन कट्टरपंथियों को लगता है कि हम उनसे डर के चुप बैठ जाएंगे तो वो मजलिस को नहीं जानते। इंसाफ़ के लिए हमारी लड़ाई हमेशा जारी रहेगी ।
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