हेरात में गश्त करते तालिबान के लड़ाके. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: अफगानिस्तान के पश्चिमी शहर हेरात में तालिबान के लोगों ने चार कथित अपहरणकर्ताओं को मार डाला और दूसरों को सबक सिखाने के लिए उनके शवों को मुख्य चौक पर लटका दिया। हेरात के डिप्टी गवर्नर शेर अहमद अम्मार ने कहा कि इन लोगों ने एक स्थानीय व्यापारी और उसके बेटे का अपहरण कर लिया था। उनका इरादा व्यापारी और उसके बेटे को शहर से बाहर ले जाने का था। उन्हें तालिबान के एक गश्ती दल ने देखा लिया, जिन्होंने शहर के चारों ओर चौकियां बनाईं हैं।
दोनों ओर से गोलीबारी हुई जिसमें चारों अपहरणकर्ता मारे गए, जबकि तालिबान का एक सदस्य घायल हो गया। बाद में उनके शवों को मुख्य चौक पर लाया गया और शहर में अन्य अपहरणकर्ताओं को एक सबक सिखाने के लिए लटका दिया गया। अपहरण का शिकार बने दोनों लोगों को सकुशल रिहा कर दिया गया।
मौके पर मौजूद लोगों ने देखा कि एक पिकअप ट्रक में एक शव लाया गया। फिर उन्होंने उसे क्रेन पर लटका दिया। क्रेन पर झूलती हुई खून से लथपथ लाश की फुटेज सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हुईं। उसकी छाती पर एक कागज चिपका दिया गया था, जिस पर लिखा था कि "यह अपहरण की सजा है।"
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सोशल मीडिया पोस्ट में कहा गया कि अन्य लाशों को शहर के दूसरे हिस्सों में लटका दिया गया। जबकि इस हफ्ते एक साक्षात्कार में तालिबान के वरिष्ठ नेता मुल्ला नूरुद्दीन तुराबी ने कहा था कि अपराधों को रोकने के लिए तालिबान अंग काटने और फांसी जैसी सजा बहाल करेगा। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आलोचना के बावजूद तालिबान ने कहा है कि अफगानिस्तान में बड़े पैमाने पर फैले डकैती, हत्या और अपहरण जैसे अपराधों को रोकने के लिए कानून तोड़ने वालों को जल्द और कठोर दंड देना जारी रखेंगे।
अमेरिका ने भी तुराबी की टिप्पणियों की आलोचना की और कहा है कि काबुल में तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार की कोई भी संभावित मान्यता मानवाधिकारों के सम्मान पर निर्भर करेगी।
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