फोटो क्रेडिट-गूगल
नई दिल्ली: दिल्ली (Dehli) के शाहीन बाग को आप शायद अभी भूले नहीं होंगे यह वही जगह है जहां CAA बिल के विरोध में महीनों तक सड़क को जाम कर के रखा गया था। दिल्ली का यह इलाका किसी न किसी कारण से सुर्खियों में बना रहता है।एक बार फिर शाहीन बाग खबरों में आ गया है।
शाहीन बाग में 50 किलो हेरोइन, 30 लाख रुपए नकद कैश, के साथ ही नोट गिनने वाली मशीन भी बरामद की गई है।
आपको बता दें कि बरामद हेरोइन की अनुमानित कीमत 400 करोड़ रुपये के करीब बताई जा रही है। दिल्ली पुलिस ने इसी के साथ ही इंडो-अफगान के एक गिरोह का भी खुलासा किया हैं।
सूत्रों के मुताबिक इस ड्रग्स की खेप अफगानिस्तान से दिल्ली लाई गई थी । इस गिरोह के तार उत्तर प्रदेश (UP) पंजाब (Panjab) और दिल्ली (Delhi) से जुड़ें बताए जा रहे है। पुलिस ने इस मामले में अब तक एक आरोपी को भी गिरफ्तार किया है।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के अनुसार यह एक बड़ी कामयाबी की तरह देखा जा रहा है। एनसीबी के अनुसार इस गिरोह के तार काफी गहरी है जिसमें अफगानिस्तान(Afghanistan), पाकिस्तान और भारतीय लोग शामिल है। हालंकि यह एक इंडो-अफगान गिरोह है।
एनसीबी के डायरेक्टर जनरल (DDG) ने बताया कि एनसीबी की टीम ने गुप्त रूप से काम करते हुए दिल्ली के शाहीन बाग और जामिया इलाके में रेड कर एक घर से 50 किलो हेरोइन और 47 किलो संदिग्ध नारकोटिक्स के साथ ही अन्य सामान भी बरामद किया गया है। साथ में 30 लाख रुपये कैश और नोट गिनने वाली मशीन बरामद की गई।
पाक के बॉर्डर के रास्ते दिल्ली पहुंचा 'ड्रग्स'
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जांच में पता चला है कि हेरोइन को पेड़ के तने में छिपा कर बॉर्डर पर लाया गया है। जहां से इसे पहले बॉर्डर और फिर समुद्र के रास्ते हिन्दुस्तान तक पहुंचाया गया। इसे लेकर एनसीबी को शक है कि इस ड्रग्स को हवाला के जरिए भारत लाया गया है।
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ज्ञानेश्वर सिंह अनुसार इससे पहले भी हिंदुस्तान तक ड्रग्स को पहुंचाने के लिए कई तरीके अपनाए जाते रहे है।इस गिरोह के कुछ लोग इस काम में इतने माहिर है कि कभी-कभी यह लोग एनसीबी और अन्य जांच एजेंसियों को धोखा दे कर भी निकल जाते है।
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