फाइल फोटो/Param Bir Singh
नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पुलिस महा संचालक (Director General) परमबीर सिंह (Parambir Singh) के देश से बाहर भागने की जानकारी सामने आ रही है। जी हां, परमबीर सिंह देश छोड़कर फरार हो गए हैं। न्यूज इंडिया को सूत्रों से जानकारी मिली है कि वो नेपाल के रास्ते यूरोपीय देश नीदरलैंड में जाकर छिप गए हैं। परमबीर सिंह मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर हैं और उन पर कई गंभीर आरोप हैं। उन्होंने महाराष्ट्र के गृहमंत्री पर आरोप लगाए थे कि वो 100 करोड़ की वसूली रैकेट चलाते हैं, लेकिन अब वो खुद देश से फरार हो चुके हैं।
न्यूज इंडिया को सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि परमबीर सिंह न सिर्फ देश छोड़कर फरार हो चुके हैं, बल्कि वो नेपाल के रास्ते कई देशों से होते हुए यूरोपीय देश नीदरलैंड चले गए हैं। अब दिक्कत की बात ये है कि नीदरलैंड यूरोपीय संघ का एक देश है, जिसकी जमीनी सीमाएं पड़ोसी देशों के लिए खुली हुई है। ऐसे में वो सड़क मार्ग से किसी भी दूसरे देश जा सकते हैं। हैरानी की बात ये है कि उन्हें ये सब करने के लिए न सिर्फ पासपोर्ट, बल्कि ईयू का वीजा भी चाहिए। ऐसे में सवाल ये है कि उन्होंने वीजा कब हासिल किया, और कैसे वो देश से फरार हो गए, जबकि उन्हें एनआईए जैसी शीर्ष आतंकवाद निरोधी एजेंसी ढूंढ रही है।
महाराष्ट्र सरकार के पास इस बात की जानकारी नहीं है कि परमबीर सिंह आखिर हैं कहां? न ही एनआईए के पास उनके बारे में कोई खबर है। बता दें कि एंटीलिया और मनसुख हिरेन हत्या मामले की जांच कर रही एनआईए ने मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह को पूछताछ के लिए कई बार समन भेजा है, लेकिन उन्हें अबतक समन डिलीवर नहीं हुआ है। एनआईए और महाराष्ट्र राज्य की जांच एजेंसियों को शक है कि गिरफ़्तारी के डर से परमबीर सिंह देश छोड़कर चले गए हैं।
इस मामले में महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा है कि मामले पर केंद्रीय गृह मंत्रालय से बात की जा रही है। उन्हें ढूंढ रहे है कि वो कहां हैं। एक सरकारी अधिकारी होने के नाते अगर उन्हें कहीं जाना है तो बिना सरकार के अनुमति के नहीं जा सकते। बावजूद इसके अगर वो बाहर देश चले गए हैं तो ये अच्छी बात नहीं है।
महराष्ट्र सरकार परमबीर सिंह को ढूंढ रही है, उसके बाद क्या करना है तय किया जाएगा। सवाल है कि सीनियर आईपीएस अधिकारी होने की वजह से उन्हें महाराष्ट्र होम गार्ड्स का डायरेक्टर जनरल (डीजी) बनाया गया था। मुंबई पुलिस कमिश्नर पद से हटाए जाने के बाद उन्हें ये पद मिला है। उनकी जिम्मेदारी है महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था बनाए रखना और पूरे डिपार्टमेंट के काम को देखना। जिसकी समय समय पर सरकार को रिपोर्ट भी भेजनी होती है। लेकिन अब उनका कोई अता पता नहीं है। ऐसे में महाराष्ट्र सरकार पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं कि इतना सीनियर अधिकारी कई दिनों से लापता है और सरकार को कोई खबर तक नहीं।
बता दें कि एंटीलिया और मनसुख हिरेन हत्या मामले में दायर चार्जशीट में एनआईए ने कई ऐसे सबूत जोड़े हैं, जिन्हें देखकर एजेंसियों को परमबीर पर शक होने लगा है कि उनका भी इस क्राइम में कोई हाथ रहा होगा। एनआईए ने इसी सिलसिले में अपनी जांच आगे बढ़ाने के लिए परमबीर सिंह को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाना चाहा, लेकिन एजेंसी परमबीर सिंह को ट्रैक नहीं कर पा रही है। एनआईए की टीम छत्तीसगढ़, रोहतक सहित और कुछ जगहों पर गई, पर कहीं भी सिंह नहीं मिले।
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