रेस्तरां के बजाए अब जोमैटो और स्विगी करेंगे GST का भुगतान
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार शाम लखनऊ में जीएसटी परिषद की बैठक के बाद कहा कि ,ज़ोमैटो और स्विगी जैसे फूड डीलिवरी ऐप सरकार को पांच प्रतिशत जीएसटी, या माल और सेवा कर देंगे। सरकार अब रेस्तरां से GST वसूल नहीं करेगी। कई रेस्तरां ज्यादा टर्नओवर के बावजूद GST देने से बच रहे हैं।
जीएसटी बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए राजस्व सचिव तरुण बजाज ने ये साफ किया कि कोई नए करों की घोषणा नहीं की जा रही है। जीएसटी कलेक्शन को केवल ट्रांस्फर किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "मान लीजिए आप एग्रीगेटर से खाना मंगवाते हैं, तब रेस्तरां टैक्स देता है। लेकिन हमने पाया कि कुछ रेस्तरां भुगतान नहीं कर रहे थे। अब हम कह रहे हैं कि अगर आप ऑर्डर देते हैं, तो एग्रीगेटर उपभोक्ता से वसूल करेगा और अधिकारियों को भुगतान करेगा। कोई नया कर नहीं है।"
उन्होंने बताया कि कुछ GST रिटर्न के विश्लेषण से कुछ रेस्तरां की ओर से कर चोरी का पता चला है।
ऐसा माना जाता है कि GST चोरी की रकम काफी ज्यादा है। फूड डिलीवरी ऐप्स का सप्लाई वॉल्यूम भी ज्यादा है। शुक्रवार को जीएसटी परिषद द्वारा घोषित अन्य प्रमुख फैसलों में एक ये था कि इस समय पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के अंदर नहीं लाया जाएगा। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि परिषद ने हाल ही में केरल उच्च न्यायालय के आदेश पर इस बारे में चर्चा की थी। ये निष्कर्ष निकला था कि "पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के तहत लाने का यह सही समय नहीं है।" सीतारमण ने यह भी कहा कि बायो-डीजल पर जीएसटी को 12 से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है।
परिषद ने 31 दिसंबर तक COVID-19 के उपचार में उपयोग की जाने वाली दवाओं पर कंसेशनल जीएसटी दरों को भी बढ़ा दिया है। कुछ अन्य दवाओं में भी छूट दी गई है, जिनमें मस्कुलर एट्रोफी के उपचार में उपयोग की जाने वाली दवाएं ( जिनकी एक खुराक में करोड़ों रुपये खर्च होते हैं ) शामिल हैं। कैंसर के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं पर भी जीएसटी कम किया गया। उदाहरण के लिए कीट्रूडा ( पेम्ब्रोलिज़ुमाब का ब्रांड नाम ) नामक दवा पर पहले के 12 प्रतिशत की तुलना में अब केवल पांच प्रतिशत जीएसटी लगाया जाएगा।
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